Friday, November 27, 2009

kasab

It has been a year since Omble died, but I cannot rest in peace because his killer is still alive. Worse, kasab is being provided with biryani in the jail.Our humble & kind government has spent 31 crores on him till date & relief funds to most of our martyrs & affested people is still not given to them!!
Kasab should be hanged IMMediately. That is what every Bhartiya wants.
What is ur say ??

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Monday, November 16, 2009

बाल ठाकरे जी, सचिन को तो बख्श दो ..

The more i try to convince myself to respect Thackeray ji..
More difficult he makes it for me, every time.

Sachin is an icon, he makes every Bharatiya proud
He UNITES Bharat..
Any undignified remark against any such patriot Bharatiya is untolerable, whoever it may be.


सचिन ने कहा भी क्या है, कि मुंबई भारत का अभिन्न हिस्सा है और वो स्वयं एक भारतीय है.
यह कहने पर जिस किसी को भी आपत्ति हो सकती है, उसके विरुद्ध अविलम्ब देशद्रोह का मुकदमा दायर होना चाहिए.
सम्पूर्ण भारत में सिर्फ भारत कि जय होगी
क्षेत्र और भाषा के नाम पे राजनीति कि रोटी सकने वालों कि दूकान बंद करने का वक्त आ गया है.
बंद करो ये कालाबाजारी

It Is Time, these local regional politicians are taught a patriotic lesson.

Jai Hind
www.samajsevasamiti.blogspot.com

Friday, October 16, 2009

शुभ दीपावली





मैं स्वर्ग हो के आया, उपहार हजार लाया
हर घर मैं सुख समृद्धि, सपने हजार लाया
विश्व विजयी भारत पुनः अखंड होगा
राम राज्य होगा, धर्म प्रचंड होगा
बाढ़ कहर ढाए, आतंक सर उठाये
खुशहाली बढती जाए, फ़िर ऐसा सफर होगा
सपनो की ऐसी दुनिया, अपनों के बीच होगी
दीपावली मैं कामना है, ऐसा अवश्य होगा

भगवन राम के आशीर्वाद से आपका जीवन विजय और वीरता से भरा हो.
भगवान् आपके जीवन को देश - समाज - धर्म के हित मैं कार्य करने हेतु सक्षम बनाये रखे.
जय श्री राम

- प्रियंक सिंह ठाकुर
जबलपुर

Wednesday, September 23, 2009

तू जिंदा है


जश्न कर ले यार तू जिंदा है
फख्र कर ले यार तू जिंदा है

जिस जहाँ में अधिकतर मुर्दा हैं रहते
सर उठा के चल रहा, तू जिंदा है

हार के टूटे हुए इन हौसलों में
सागर में तिनका सही, तू जिंदा है

लुट चुके कुछ इश्क में, मर भी गए कुछ
आज भी कुछ मनचला, तू जिंदा है

जीत ले संसार, तू जिंदा है
हर घड़ी त्यौहार, तू जिंदा है

प्रियंक

Beggar - free Jabalpur Project

Beggars are not just a nuisance to our society they are a shame on our society. Only around 2-5 % of beggars are into begging because of their inefficiency to work. Others are into begging because of their choice.

Small children of 1 month to grown up kids are used by beggar’s mafia or their parents & are taught every possible way to steal, beg & cheat. Eradicating begging is to secure future of these children, as they are our responsibility. Just by giving 1-2 rupee or 50 rupee once will not make their life.

Old people who should share their experience & knowledge with young generations are using their age to beg money from the society.

Drugs is very common now a days, especially in Jabalpur, within begging / rag pickers. They can be found near any dustbin or drain from evening to night, using all sorts of drugs & injections. They not only ruin their life, but their need of money makes them do all anti social activities like robbery, theft, kidnapping etc.

Police & Politics are not giving much attention to them because they neither give money nor votes. But beggary is a social disease & is a responsibility of both Police, Politicians & society as of whole.

Cure: No one puts a FIR with Police as no one wants to get involve with legal hassles. All are sympathetic with beggars about they should not be sent to jail. BUT what if a REHABILITATION CENTRE is set up for them with providing them work with training at that center only?

We need to talk to NGOs running old age home & Orphanage to keep these beggars with them. NGOs like Abhian - Samaj Seva Samiti , Bharat Vikas Parishad, Rotary clubs can provide training & help to provide work to them. We will talk to all the social clubs to do all their activities with these rehabilitated beggars.

We are involving all socially active people into this project to make our Jabalpur an ideal city in the world, 1st in India – A Beggar – free Jabalpur.

Friends, I expect suggestions & guidance from you for this initiative. Any constructive And Positive suggestion will be welcomed and applied.

Thanks & Regards

Priyank Singh Thakur

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Wednesday, July 29, 2009

जन्म ये तुझको समर्पित

जन्म ये तुझको समर्पित, कर्म हर तुझको समर्पित
हर घड़ी तेरी ही सेवा, मर्म ये तुझको समर्पित

हो घड़ी कितनी भी विषम, न रुकें यूँ ही बढ़ें हम
हर कदम तेरी तरफ हो, हर कदम तुझको समर्पित

माँ भारती की छाँव में, हरियाली ख़ुशी की छाई है
माँ भारती हों कष्ट में तो, हर ख़ुशी कर दूं समर्पित

राष्ट्र जो खुशहाल हो तो, विश्व बंधुत्व ख्याल हो
दुश्मन सर उठाये तो, विजय को जन जन समर्पित

- प्रियंक

Saturday, May 23, 2009

श्यामा प्रसाद मुख़र्जी बलिदान दिवस

२३ जून 1953 को कारगर में मृत्यु पा कर शहीद हुए ये भारत के वीर सपूत आज अपनी मृत्यु के 56 साल बाद भी अपनी मौत के कारण को सार्वजानिक होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

स्वर्गीय श्यामा प्रसाद मुख़र्जी का जीवन संघर्ष पूर्ण रहा. उनका संघर्ष व्यक्तिगत परेशानियों से नहीं था, बल्कि राष्ट्रीय शत्रुओं से युद्ध उनके जीवन का उद्देश्य बन गया था.

श्यामा प्रसाद मुख़र्जी का जन्म 6 जुलाई १९०१ को कलकत्ता में हुआ. कलकत्ता उस समय भारत की राजधानी हुआ करता था. श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के पिता आशुतोष मुख़र्जी कलकत्ता के जाने माने वकील थे और कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे.
श्यामा प्रसाद मुख़र्जी आरम्भ से ही मेधावी थे, उन्होंने प्रथम स्थान के साथ अंग्रेजी में ग्रेजुएशन और ऍम.ऐ उत्तीर्ण किया, तदोपरांत वकालत की परीक्षा भी
उत्तीर्ण करी. अपने पिताजी की मृत्यु के बाद आपने २३ वर्ष की आयु से वकालत करनी आरम्भ करी. श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ३३ वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम आयु के कुलपति नियुक्त हुए.

आपने बंगाल के राजनितिक गलियारे को राष्ट्रीयता का जामा पहनाया. जब बंगाल को प्रथक देश बनाने का कुप्रयास हुआ तो श्यामा प्रसाद मुख़र्जी की वजह से ही ऐसा संभव न हुआ. श्यामा प्रसाद मुख़र्जी देश के बंटवारे के कट्टर विरोधी थे, पर जब उन्होंने 1946 का दंगा देखा तो उस खून खराबे को और बर्बरता को उन्होंने इतिहास की सबसे बर्बर वारदात बताया और कहाकि अगर मुसलमान पाकिस्तान में रहना चाहते हैं तो अपना सामान बाँध के जहाँ जाना चाहें वहां चले जाएं".
जवाहरलाल नेहरु ने मुख़र्जी जी को अपनी सरकार में उद्योग मंत्री बनाया पर आपने १९४९ के दिल्ली समझौते के विरोध में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. नेहरु ने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री लियाकत अली खान के साथ मिल के दोनों देशों के अल्पसंख्यकों को विशेष दर्जा देने का समझौता किया था, जिसको मुख़र्जी जी ने मुस्लिम वोट बटोरने का और धर्म के आधार पे राजनीति करने का कुत्सित प्रयास बताते हुए इसके पुरजोर विरोध किया था.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के परम पूज्य गुरूजी माधवराव सदाशिव गोलवलकर जी से सलाह कर के श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने 21 अक्टूबर १९५१ में राष्ट्रीय जन संघ की स्थापना की और इसके प्रथम अध्यक्ष बने.
जन संघ का उद्देश्य
१) कांग्रेस पार्टी की मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति रोकना
२) हिन्दू - मुस्लिम सभी के लिए सामान संविधान को लागू करना
३) गो हत्या बंद करवाना
४) जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य के अधिकार को समाप्त करना, शामिल था.

काश्मीर मुद्दे पर श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के अनुसार "एक देश में दो विधान , दो प्रधान & दो निशान नहीं चलेंगे".
उस वक्त भारत का राष्ट्रपति भी कश्मीर के प्रधानमंत्री की अनुमति के बिना वहां प्रवेश नहीं कर सकता था. कश्मीर जाने के लिए पहचानपत्र मिलता था. जम्मू काश्मीर का अलग प्रधानमंत्री, अलग ध्वज & अलग संविधान था.
श्यामा प्रसाद मुखेर्जी इसके विरोध में बिना पहचान पत्र के कश्मीर गए & उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. निम्न कोटे की कारगर में रखने से उनका स्वस्थ बिगड़ गया. उनको पेनीसिलीन के इंजेक्शन लगाये जाने लगे, श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने डाक्टरों से कहा की उनको पेनीसिलीन से एलर्जी है तब भी उनको ये इंजेक्शन लगाये जाते रहे और अंततः उनका देहांत ( पढें - कत्ल ) 23 जून 1953 को अजीब परिस्थितियों में कारावास में हो गया.
श्यामा प्रसाद मुख़र्जी सदा ही राष्ट्र की एकता और हिन्दू धर्म के गौरव की लडाई लड़ते रहे. उनकी मृत्यु के ५६ वर्ष बाद भी उनके स्वप्न अधूरे हैं. देश में काफी कुछ बदल गया है, जन संघ - भारतीय जनता पार्टी बन गया है, जम्मू कश्मीर के साथ साथ नक्सली समस्या, उत्तर पूर्व की समस्या, धर्मांतरण की समस्या, जाती - क्षेत्र की समस्या आदि सर उठा चुकी हैं. जो पुरानी राष्ट्रीय समस्याएं थीं वो भी यथावत हैं.

आज, श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के बलिदान दिवस पे हम सचेतन भारतीय ये प्रतिज्ञा लें कि श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के स्वप्न को अपने जीवन का उद्देश्य बनायें. उनके बलिदान को व्यर्थ ना जाने दें,

धन्य है वो जीवन जो माँ भारती के काम आये
वन्दे मातरम

प्रियंक ठाकुर

Monday, April 6, 2009

Lalu is not Lallu

Have a look at UPA's railway minister & congress' right hand lallu prasad Yadav's statement :
"Had I been the country's home minister, I would have crushed Varun Gandhi under a roller and destroyed him without caring for the consequences
for his hate speech against Muslims," Prasad told an election meeting. - as in Times of India - 6th April 2009.

The very same year when Shri Varun Gandhi was put behind bars & attacked from all sides for allegedly saying that "I will cut those hands that move towards Hindus with destructive intentions"

Learned people from future will decide that in post independence era of Bharat, what was the real condition of Hindus.

When / If Hindus ever unite they have another incidence to feel ashamed of their cowardliness.

And it is a fact that people must now realize that our national clown lalu Yadav is not lallu (fool) but a cunning shrewd politician who favours no one but his own self for his political industry.
It is time to react & punish such arrogant traitors.
Come join me in writing a complain mail to all media & government offices & show your anger that no one can make such statement against a person for favoring Hindus. Varun is guilty or not that honorable Court will decide but how dare this clown make such an statement?
is he not afraid of our Judiciary?
Now will sonia or mayawati put NSA on him ?

Tuesday, March 24, 2009

चिदंबरम को IPL की और .. प्रियंका राबर्ट वढेरा को गीता याद आयी?

अब ये भाजपा को राष्ट्रधर्म सीखाएँगे .. यहाँ ये का तात्पर्य चिदंबरम से है. IPL वाले जब चिल्ला चिल्ला के इनसे पूछ रहे थे कि मैच करने की औकात है या नहीं ? तब इनको बिच्छू काट गया था, अब जब कांग्रेस शासित राज्य महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश ने हाथ खड़े करे और मैच बाहर करवाने का निर्णय लिया तो अब पी चिदंबरम अन्ना कह रहे हैं कि भैया राजनीति न करो - चुनाव सर पे हैं, जूते पड़ जाएँगे.
ये हैं हमारे देश के गृह मंत्री .. जो मैच न करवा पाने कि अपनी अक्षमता को छुपाने अब गुजरात के दंगे याद दिलाने लगे, उसको राष्ट्रीय शर्म बताने लगे. अब इतिहास खोदने चले हो तो हम कहाँ से शुरू करें चिददु अन्ना ?
शहीद भगत सिंह की फांसी न रुकवाना !
नेताजी सुभाष जी को जीते जी मृत घोषित करना !
प्रधानमंत्री बनने के लिए देश का विभाजन करना! आपातकाल लगाना !
84 के शर्मनाक दंगे !
बोफोर्स कांड !
सूटकेस कांड !
श्री राम सेतु तोड़ने का कुत्सित प्रयास !
श्री राम को काल्पनिक बताना !
शिव जी - बाबा अमरनाथ के मंदिर को एक इंच जमीन न देने का प्रयास !
परमाणु समझौते में अमेरिका को खरबों रुपये देना !
हिन्दुओं को आतंकवादी कहना !
!!
अरे चिद्दू भैया.. फस जाओगे.. मत उलझो .. i am sorry बोल दो .. अंग्रेजी या इतालवी में .

अब प्रियंका वढेरा के बारे में क्या कहें ..
जब उसकी पार्टी के गृह मंत्री की तारीफ़ में एक पन्ना लग गया..
यदि इनके परिवार कि तारीफ़ करनी शुरू करी तो मेरा बहुमूल्य समय ख़त्म समझो
और जो क्रोध में खून खौलेगा वो अलग ..
तो इस विषय पर उनके लिए जवाब - आप सब ही लिखिए..
आपके विचार आमंत्रित हैं
जय हिंद





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Thursday, March 19, 2009

हंगामा है क्यों बरपा !!

परिचय : 29 वर्षीय वरुण गाँधी, भाजपा के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत क्षेत्र से उम्मीदवार.
जुर्म : आक्रामक मुद्रा में कठोर शब्दों का प्रयोग. स्वयं का बचाव न कर पाना.
दंड : समस्त मीडिया द्वारा उल्लेहना और अपमान.

जबकि स्वयं वरुण ये कह रहे हैं न ये आवाज़ उनकी है, न ये शब्द उनके हैं.
इतनी सी बात है.. राजनेतिक रोटियां सकने से पहले न्यायपालिका का निर्णय तो आ जाने दो अधीरों.
वैज्ञानिक ढंग से जांच तो हो जाने दो. फिर नतीजा आने पर खुद ही मुह न छिपाना पड़ जाये.

Thursday, February 26, 2009

जीतेगी भाजपा - जीतेगा भारत .. पर कैसे !

बड़ा आसान और साधारण सा लगने वाला नारा "जीतेगी भाजपा तो जीतेगा भारत" भारतीय जनता पार्टी ने क्यों चुना ?
एक पार्टी के चुनाव जीतने से एक देश कैसे जीत सकता है? ये तो मात्र उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं की जीत हुई. फिर भारत कैसे जीता ? क्या भाजपा जैसी सबसे बड़ी पार्टी मतदाताओं को रिझाने के लिए ये नारा दे रही है ! क्या मतदाता इतने मूर्ख हैं की वो सोचेंगे नहीं कि भारत कैसे जीता.. भारत तो हर चुनाव में अरबों रुपये हारता है, लाखों कामकाजी घंटे व्यर्थ होते हैं, हिंसा होती है, भारत कैसे जीता ..
पर फिर सोचने पर इसलिए मजबूर हो जाते हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी जैसी जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी ने कुछ तो विचार किया होगा इस नारे को देने से पहले ..
भाजपा के जीतने से भारत तो तभी जीतेगा जब भाजपा भारतीय मूल्यों का आदर विश्व में पुनर्स्थापित करे,
भाजपा के जीतने से भारत तभी खुश होगा यदि भाजपा भारत को इंडिया से पुनः भारत बनाये.. अब इंडिया और भारत में क्या अंतर है? आपने कभी एक आदमी के दो नाम सुने हैं क्या? क्या श्री अटल बिहारी वाजपेई और लाल कृष्ण अडवाणी एक आदमी का नाम हो सकता है? नहीं न, तो ये अनूठा उदाहरण या यूँ कहें ये अजूबा भारत में ही क्यों? अंग्रेज भारत से भारतीयता मिटाना चाहते थे, तो उन्होंने भारत की संस्कृति, शिक्षा, धर्म आदि पर चौतरफा वार किया. उसी का एक स्वरुप है हमारे देश का पुनः नामकरण होना. हम बम्बई को मुंबई और मद्रास को चेन्नई बना चुके हैं, पर इंडिया को भारत कब बनाएँगे, ये कार्य बहुप्रतीक्षित है.

क्या भाजपा इंडिया को भारत बना पाएगी?
क्या भाजपा प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली को पुनः स्थापित करा पायेगी ?
क्या भाजपा आर्थिक द्रिष्टिकोण के अलावा मूलभूत सुविधाओं को पूरा करेगी?
यदि ऐसा कर सकी तो मात्र ये चार शब्द का नारा अपने आप मैं पूर्ण है के जीतेगी भाजपा-जीतेगा भारत .

पर ये सारी बातों की सम्भावना कांग्रेस से तो करना और सोचना भी पाप है.
जो पार्टी बनाई ही एक विदेशी ( मि. ह्यूम ) द्वारा गयी हो उस से स्वदेशी हित मैं कार्य करना मुंगेरीलाल के सपने सामान है.
जिस राजनीतिक दल ने अपने नेता को प्रधानमंत्री बनाने के लिए राष्ट्र का विभाजन स्वीकार कर लिया उस से राष्ट्र हित की बात करना अन्याय है.

भाजपा ने श्री अटल जी के समय प्रधान मंत्री ग्राम सड़क परियोजना के तहत सभी गावों मैं ऐसी सपाट सड़कें बनवा दीं, कि जो व्यक्ति कभी अपने गाँव जाता तक नहीं था, आज वह गाँव में और खेत खरीदने को आतुर रहता है. भारतीय नागरिक कभी ट्रेन के अलावा सड़क यात्रा करने से भय खाते थे, क्योंकि सड़कों की यात्रा यानि गड्ढों की यात्रा. पर स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना से पूरा भारत आज सड़क मार्ग द्वारा हर एक की पहुँच मैं आ गया है. पर्यटन, व्यवसाय, कृषि सब फल फूल रहा है.

पर अभी भी इंडिया को भारत बनाना बाकी है.
अभी भी भारत का जीतना बाकी है

पर आशा करना बुरी बात नहीं है
और आशा भी उन्ही से करनी चाहिए जो उसको पूरा करने की क्षमता रखते हों.
इन्ही सब बातों को सोच कर लगता है की
शायद इस बार लाल कृष्ण अडवाणी जी के साथ साथ भाजपा और भारत दोनों जीतेंगे.

शुभकामनाओं के साथ
श्री राम और बाबा अमरनाथ के आशीर्वादों की अपेक्षा सहित
आपका अपना भारतीय बन्धु

जबलपुर से
प्रियंक ठाकुर
9826114151
ashithakur@yahoo.co.in






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Tuesday, February 24, 2009

Congratulations to congress

With due respect & praises for A. R. Rehman, Gulzar, Pookutty & whole team for winning Oscars this year..





Creator of Indian Slumdog

As said by congress spokes person abhishek singhvi ( from indiatimes - 24th Feb - 2009) -
after sonia gandhi party spokesman Abhishek Singhvi went a few steps ahead and termed Slumdog Millionaire “a film of India, for India , by India” and talked about the “conducive atmosphere with emphasis on good governance contributing to an achieving India”.

let the congress & abhishek singhvi celebrate "slumdog".
But taking its credit is too realistic for them, as they are responsible for the condition of people living in slums today. As said by noted musician Adesh Shrivastav, he has stopped going on streets in foreign, as now people there refer to Indians as SLUMDOGS.. So, again congratulations.
because of their divide & rule policy & let the poor be poorer, people have not recovered from their drastic condition.
congress never tried to improve their living condition & educate them, because they know, educated Indian never votes for congress.

so, singhvi ji, three cheers for you
let the party continue

as per congress tradition

may God fulfills your wish for more such slumdogs..

Jai Hind

Friday, January 30, 2009

मेंगलोर पब काण्ड

मुतालिक की श्री राम सेना ने जो किया
सरासर ग़लत किया
ये सब हथकंडे सस्ती लोकप्रियता के अलावा कुछ नही देते..
वह भी अगर सामने वाला बदनामी को लोकप्रियता समझे , तब
इन सब कुकर्मो से इन कर्मो का उद्देश्य वाकई खटक जाता है
और उस को, विचारधारा के पुराने समर्थक भी साथ नही देते
यदि, राजस्थान के और कर्नाटक के मुख्यमंत्री पब कल्चर के खिलाफ वक्तव्य
देते तो उनको प्रशंसा मिलती. परन्तु, इस काण्ड के बाद उनके बयान
को मुतालिक के समर्थन के रूप मैं पेश किया जा रहा है
खैर
जो हुआ सो हुआ
नारी का अपमान, चाहे जो कारण हो
हिन्दुस्थान को मंजूर नही है
यह निंदनीय & सजा योग्य कार्य है
जय हिंद

Tuesday, January 27, 2009

योग से ॐ को क्यों हटाएँ ?




आज फ़िर किसी घटिया देश ( इंडोनेशिया ) के घटिया संघठन ने योग को उनके देश में बंद करने का घटिया फरमान जारी किया. मेरा प्रश्न है कि ये साले होते कौन हैं योग के बारे में बात करने वाले ?
क्यों हम फ़िर से इंडोनेशिया जैसे तुच्छ देशों के आगे नम्रता से पेश आ रहे हैं? क्यों नरम छवी के चक्कर मैं अपना स्वाभिमान खोते जा रहे हैं ? कमजोर सरकार है, कमजोर धर्म नही; कमजोर अधर्मी हैं, और जब धर्म पंथी अपनी रक्षा और सम्मान के पक्ष मैं स्वर मुखर करते हैं तो उनको हिंदू आतंकवादी या हिंदू तालिबान कहा जाता है, जो की हिन्दुओं के ऊपर गाली से भी बड़ा लांचन है.
आज स्वामी राम्देओ जी ने यह कहा कि "योग को बंद न करें और ॐ के स्थान पर मुस्लिम ये ईसाई अपने भगवन का नाम ले लें"
क्या ये फेर बदल आवश्यक है ? यदि कुछ मुस्लिम या ईसाई योग नही करेंगे तो कोई आफत आ जाएगी ? उनके योग करने से क्या हिन्दुओं का शरीर स्वस्थ हो रहा है ?
कभी चर्च योग को बंद करता है कभी जिहाद .
एक बार हमारे योग गुरु या हमारी ढुल मुल सरकार ये कहने का सहस करे कि
" योग हिन्दुओं का copy write है, गैर हिंदू योग नही कर सकते" फ़िर देखो कैसा भूचाल आता है.
जिस भाषा मैं जो जानवर जो बात समझे, उसको वो ही भाषा मैं समझाना होगा.
हमारे यहाँ विडम्बना देखो, राष्ट्रीय टी वी चेनल पर मुस्लिम नेता आ कर योग के विरोध मैं बोल रहे हैं कि यदि ॐ और श्लोक अलग कर दें तो योग हमें मंजूर है.
अरे मूर्ख, पहले ये तो जान ले कि तू योग के काबिल भी है कि नही ? यदि ॐ ओउर श्लोक को योग से अलग कर दें तो योग मात्र शरीर रह जाएगा, आत्मा विहीन शरीर और धीरे धीरे हमारे धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस नेता इस स्वरुप को पाठ्यक्रम मैं जोड़ लेंगे & हमारी आने वाली पीड़ी योग को बाबर का आविष्कार समझेगी.
धिक्कार है ऐसे कमजोर नेत्रित्व पर
पुनः
जय श्री राम

आपका अपना ही
एक और अपमानित बंधु
प्रियंक