जन्म ये तुझको समर्पित, कर्म हर तुझको समर्पित
हर घड़ी तेरी ही सेवा, मर्म ये तुझको समर्पित
हो घड़ी कितनी भी विषम, न रुकें यूँ ही बढ़ें हम
हर कदम तेरी तरफ हो, हर कदम तुझको समर्पित
माँ भारती की छाँव में, हरियाली ख़ुशी की छाई है
माँ भारती हों कष्ट में तो, हर ख़ुशी कर दूं समर्पित
राष्ट्र जो खुशहाल हो तो, विश्व बंधुत्व ख्याल हो
दुश्मन सर उठाये तो, विजय को जन जन समर्पित
- प्रियंक
Wednesday, July 29, 2009
जन्म ये तुझको समर्पित
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