Thursday, December 30, 2010

एक थी आरुषि ..

*Swargeey Arushi Talwar*

केंद्रीय सतर्कता आयोग ने एक बार पुनः अपनी निर्ममता और निष्क्रियता बताते हुए एक और संवेदनशील और मार्मिक हत्याकांड में हार मान ली है. क्या यह विभाग बस ऐ.राजा जैसे चोरों के घोटालों पे पर्दा डालने के लिए रह गया है या देश के प्रथम चोर परिवार की रक्षा और सतर्कता के लिए ही काम कर रहा है? अरे हाँ, इसको तो हिन्दुओं में आतंकवादी ढूँढने का अत्यंत जटिल कार्य भी सौंपा गया है. लानत है ऐसे विभाग पे.

पर क्या वाकई इस श्रेणी के विभाग से असफल होने की उम्मीद की जा सकती है? नहीं.. मुझे तो इसमें से षड्यंत्र की बू आ रही है. एक अत्यंत विश्वस्त सूत्र ने बताया था कि इस हत्याकांड में एक उच्च अधिकारी का नाम शामिल है. यदि मीडिया ने इस काण्ड को उठाया ना होता तो इसको आसानी से तभी दबा दिया जाता. तो क्या ऐसे मार्मिक हत्याकांड को हम और आप भी CBI की नाकामी की तरह भुला देंगे? नहीं. यदि ऐसा करते हैं तो हम में और ये हत्या करने वाले राक्षस में कुछ अंतर नहीं रह जाएगा.

जीवन का तो जन्म ही मृत्यु के लिए होता है. पर इस अंतराल में जो कर्म हम करते हैं, उस से हमारे आत्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त होता है. अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाना भी एक आध्यात्म है. आपसे आव्हान है कि अपने-अपने मायावी कवच से बाहर निकल कर अपनी आत्मा की आवाज़ को उठायें. अपने पुरुषार्थ को सिद्ध करने के ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं. और कुछ नहीं तो कम से कम इस बच्ची के लिए ह्रदय से एक आह तो निकालें..
पुनः  ,  जय हिंद !!

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