Saturday, October 18, 2008

उद्देश्य और भटकाव

समाज सेवा समिति, की स्थापना का उद्देश्य समाज मैं जागरूकता लाना है. पर, परिस्थितियां इसके लक्ष्य से भटकाव ला देती हैं. यह एक मानव कमजोरी है, पर हमारा यह पुरजोर प्रयास रहेगा की अब यह कमजोरी समिति के लक्ष्य को इस से दूर न ले जाए और यह मानव कमजोरी समिति या समूह को प्रभावित न करे.
मुख्यतः भावनात्मक मुद्दे, जैसे की धर्म, राजनीति, राष्ट्रप्रेम हमको हमारे लक्ष्य और संस्कृति से भटका देते हैं, विचिलित
कर देते हैं. यह आवेश वश किए गए कार्य आपका मूल संस्कार नही होते हुए भी आपकी पहचान बन जाता है. इस लिए हमारे शास्त्रों मैं कहा गया है की भगवन को वह मनुष्य प्रिय होता है जो न प्रसन्नता मैं भटके न दुःख मैं विचलित हो.
हमारा उद्देश्य हिंदुत्व का प्रसार है, हिंदुत्व भारत की जान है. हिंदुत्व मैं भारत की संस्कृति है. जो भी व्यक्ति, चाहे वह मुस्लिम हो या ईसाई, यदि वह भारतीय संस्कारों का पालन करता है तो वह हिंदुत्व का पालन करता है. यदि कोई हिंदू भी राष्ट्र विरोधी मानसिकता का हो, या स्त्री का सम्मान न करे, या आचरण मैं मानवता न हो तो वह भी हिंदुत्व का शत्रु है.
यह समाज एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य की कड़ी है, यदि समाज मैं सद्भाव और शक्ति न हो तो यह समाज दूषित हो जाता है. इस कड़ी का काम संवाद करता है. तो अंततः संवाद सबसे जरूरी है. संवाद मैं कमी आने पर बिचौलिये फायदा उठाते हैं. ये बिचौलिये कभी अफसर बन कर, कभी राजनेता बन कर, कभी साधू-गुरु बन कर समाज मैं विष घोलते हैं.
भारत की धरती ने सदैव वीरों को जन्मा है. कमी है तो स्वयं को पहचानने की.
यही हमारा उद्देश्य है
आत्म विश्लेषण
जागरूकता
वंदे मातरम

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