Sunday, August 24, 2008

सारे जहाँ से अच्छा भारत देश हमारा

जहाँ हर कहीं घर टूट रहे हों, परिवार का अर्थ समाप्त हो रहा हो. तब, भारत मैं जन्म लेने का सौभाग्य समझ आता है.
जब संसार में भूख से जान जा रही हो, लोग अन्न के एक-एक दाने को मोहताज हों, तब एक कृिष प्रधान देश होने का गौरव ध्यान आता है.
जब पानी के िलये राज्य और देश लड़ रहे हों, पानी तेल की कीमत में िमल रहा हो, तब माँ गंगा, नर्मदा, यमुना की कृपा समझ आती है.
जब पािकस्तान, इराक, इरान, कोिरया, चीन, आिद के राजनेितक हालत देखते हैं तो हमे अपने नेता अपने लगने लगते हैं.
कुल िमला के, जब हम पूरी दुिनया देखते हैं, तो हमे पता चलता है िक . . .
सारे जहाँ से अच्छा भारत देश हमारा
यह आभास िजतने जल्दी हो उतना ज्यादा समय हम देश सेवा में अर्िपत कर सकते हैं.

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